Review by SUGAR
Oct 23, 2023मुंशी प्रेमचंद एक आदर्शवादी थे, उन्होंने हमेशा अपने कार्यों के माध्यम से 20वीं सदी के भारतीय समाज की खामियों को उजागर करने का प्रयास किया।
यह कहानी अमृतराय नामक एक व्यक्ति की है जो एक सामाजिक कार्यकर्ता था और विधवा महिलाओं के लिए काम करना चाहता था, क्योंकि उस समय भारतीय समाज विधवा महिलाओं के साथ भेदभाव करता था और उन्हें अच्छा सम्मान नहीं देता था, और भले ही ब्रिटिश सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया हो। लेकिन, उस समय सती प्रथा भी प्रचलित थी, लोग इसे बहुत अच्छा काम मानते थे और कई सामाजिक कुरीतियों के कारण हिंदू समाज बहुत प्रदूषित था।
मुंशी प्रेमचंद की सरल लेखनी भी प्रत्येक पंक्ति की सुंदरता और गहराई को बढ़ाती है, और यह पुस्तक या कोई अन्य प्रेमचंद पुस्तक हिंदी साहित्य के लिए आपकी सबसे अच्छी शुरुआत हो सकती है।
मुंशी प्रेमचंद एक आदर्शवादी थे, उन्होंने हमेशा अपने कार्यों के माध्यम से 20वीं सदी के भारतीय समाज की खामियों को उजागर करने का प्रयास किया।
यह कहानी अमृतराय नामक एक व्यक्ति की है जो एक सामाजिक कार्यकर्ता था और विधवा महिलाओं के लिए काम करना चाहता था, क्योंकि उस समय भारतीय समाज विधवा महिलाओं के साथ भेदभाव करता था और उन्हें अच्छा सम्मान नहीं देता था, और भले ही ब्रिटिश सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया हो। लेकिन, उस समय सती प्रथा भी प्रचलित थी, लोग इसे बहुत अच्छा काम मानते थे और कई सामाजिक कुरीतियों के कारण हिंदू समाज बहुत प्रदूषित था।
मुंशी प्रेमचंद की सरल लेखनी भी प्रत्येक पंक्ति की सुंदरता और गहराई को बढ़ाती है, और यह पुस्तक या कोई अन्य प्रेमचंद पुस्तक हिंदी साहित्य के लिए आपकी सबसे अच्छी शुरुआत हो सकती है।